बगुलामुखी अनुष्ठान – विरोधियों को हराने के लिए

सोने के आसन पर बैठी हुई तीन नेत्रों वाली, पीले वस्त्र को धारण करने वाली, सोने की कान्ति वाली, मुकुट के स्थान पर चंद्रमा को धारण करने वाली, चंपा की माला धारण करने वाली, हाथो मै मुद्रगर पाश आदि को धारण करने वाली, जिह्वा निकालकर बैठी हुई आभूषणों से अंगो को सुसस्जित करने वाली, तथा तीनो लोको स्तंभित करने वाली बगलामुखी देवी का मैं ध्यान करता हूँ |

“सभी दुष्टों की वाणी मुख और पैर को रोको जीभ को कीलित करो (व्यर्थ), बुद्धि विनाश करो ||”

पीले वस्त्र धारण करने वाली, पीले वस्त्राभूषणों से सुसज्जित, शत्रुओं की जिव्हा पकड़ने वाली देवी का पूजन करता हूँ |

बाएँ हाथ से जीभ को पकड़कर, दाहिने हाथ की गदा से शत्रु पक्ष का विनाश करने वाली, शत्रुओं की मन वाणी को स्तंभित करने वाली, एवं शत्रुओं को परास्त करने वाली माँ बगलामुखी मेरे विरोधियों एवं शत्रुओं की जिव्हा मेरे विरुद्ध न खुल पाए, मैं सभी के ऊपर विजय प्राप्त करूँ |

बगलामुखी मंत्र, ज्यादातर अपने शत्रुओं, गुप्त शत्रुओं के दमन हेतु है | बगलामुखी मंत्र विशेष तौर से बड़े व्यापारी, प्रशासनिक अधिकारियों, राजनैतिक व्यक्तियों एवं राजनैतिक पार्टियों के लिए है |

जिन पर गलत (अवैध) तरीके से मुक़दमे चल रहे होते हैं, अचानक परेशानियों को दूर करने में माँ बगलामुखी के मंत्र एवं जप करने से आगे बढ़ा जाता है और परेशानियां दूर हो जाती हैं | साथ ही ऊपरी हवाओं एवं शक्तिर्यो आदि से भी छुटकारा मिलता है |

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